दिनांक 21.06.2020 दिन रविवार को सूर्य ग्रहण मिथुन राशि पर होगा 6 ग्रह रहेंगे वक्री प्रभावित होगा व्यापार देखने को मिलेगा मिला-झूला असर
काशी विश्वनाथ हृषिकेश पञ्चाङ्ग मतानुसार दिनाँक 21.06.2020 को सुबह 10:37 में आरम्भ होगा जिसके 12 घंटा पूर्व यानी दिनाँक 20.06.2020 को रात्रि 10:37 में सूतक प्रारम्भ हो जायेगा बताते चलें कि ग्रहण का सम्पूर्ण काल स्पर्श,मध्य,व मोक्ष हजारीबाग अक्षांस देशांतर अनुसार :----
स्पर्श:----10:37 दिन में
मध्य :----12:25 दिन मे
मोक्ष:----02:10 दिन में
होगा । ग्रहण का कुल अवधि 03 घंटा 33 मिनट का है।
या सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होकर मोक्ष आर्द्रा नक्षत्र पर होगा।
ग्रहण में सूतक का प्रभाव:----
सूर्य ग्रहण में ग्रहण के प्रारंभ होने से 12 घंटा पूर्व सूतक काल प्रारंभ हो जाता है।सूतक लग जाने पर मंदिर में प्रवेश करना मूर्ति को स्पर्श करना भोजन करना, मैथुन क्रिया , यात्रा इत्यादि वर्जित है। बालक, वृद्ध, रोगी,और गर्भवती स्त्री को अत्यंत आवश्यक होने पर पथ्या आहार ले सकते हैं। भोजन सामग्री जैसे दूध ,दही ,घी, इत्यादि में कुशा या तुलसी पत्ता रख देना चाहिए। ग्रहण मोक्ष के बाद पीने का पानी ताजा ले लेना चाहिए। गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल में पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगा लें,अथवा मताअंतर से पैर से सिर तक सुता नाप करके और उसको कोई कांटी में टांग देना चाहिए। एवं टहलते रहना चाहिए ।ग्रहण अवधि में श्राद्ध, दान, जप ,मंत्र सिद्धि इत्यादि करने का शास्त्रोक्त विधान है। ग्रहण जहां से दिखाई देता है सूतक भी वहीं से लगता है। एवं धर्म शास्त्रीय मान्यताएं भी वहीं से लागू होती है। तथा उसका फलाफल भी वही लागू होगा।
यह ग्रहण निम्न राशियों के लिए फल:-------
1.मेष :--- श्री लक्ष्मी प्राप्ति यानी चारो ओर से फायदा ही फायदा।
2.वृष :--- क्षति यानी धनहानि व वाणी से बनता काम बिगड़ने की संभावना।
3.मिथुन:--- घातक यानी सेहत में परेशानी, चोट-चपेट की संभावना।
4.कर्क:--- हानि यानी अनावश्यक खर्च व्यर्थ यात्रा, यात्रा में कष्ट व मुकदमा इत्यादि में खर्च।
5.सिंह :------ लाभ यानी चौमुखी लाभ।
6.कन्या:---- सुख यानी भूमि,भवन, वाहन से विशेष शुख।
7.तुला:----- माननाश यानी अपमानित होना पढ़ सकता है व कार्य में बाधा उत्पन्न होंगे।
8.वृश्चिक:---- मृत्यु तुल्य कष्ट यानी चारो तरफ से नुकसान की संभावना है।
9.धनु:----- स्त्री पीड़ा यानी जीवन साथी को कष्ट व कार्यक्षेत्र में परेशानी।
10.मकर:----- सुख यानी रोग,रिपु,ऋण से छुटकारा मिलेगा व शत्रु पराजय होंगें।
11.कुंभ:----- चिंता यानी विशेष रूप से संतान,संतति के ऊपर चिंता व लॉटरी,जुवा सट्टा इत्यादि से नुकसान।
12.मीन :------व्यथा यानी घर मे कलह का वातावरण व अपनो से मतभेद की संभावना।
नॉट----जो लोग चाहते हैं इस ग्रहण से कोई नुकसान ना हो वे लोग रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जप 11 माला कर लें मंत्र इस प्रकार है ---
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात|||
आचार्य मनोरंजन पांडेय.... COLLECTION FROM VIRAL WHATSAPP.
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